Property Right: समाचार पत्रों में अक्सर प्रॉपर्टी विवाद के मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे विषय पर जानकारी देने जा रहे हैं। जिसके बारे में जानने की आपकी भी उत्सुकता हो सकती है। अक्सर हमारे परिवारों में भी दादा की संपत्ति पर पोते के हक की बात उठती है। तो क्या यह सही है कि दादा की संपत्ति पर पोते का भी अधिकार हो सकता है।
आज के समय में संपत्ति से संबंधित जानकारी और अधिकारों के बारे में बारे में जानकारी रखना अति आवश्यक हो गया है। जिससे कि कोई अनाधिकृत व्यक्ति आपकी संपत्ति पर कब्जा न कर सके। आईए जानते हैं दादा की संपत्ति पर पोते का अधिकार होता है या नहीं?
पोते का हक केवल पैतृक संपति पर
दादा की पैतृक संपत्ति पर पोते का हक सकता है। पैतृक संपत्ति अर्थात जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित चल और अचल संपत्ति होती है, उसे पैतृक संपत्ति कहते हैं। दादा की संपत्ति के बाद उनके बेटे का हक होता है इसके पश्चात पोता उस संपत्ति का वारिस बन जाता है।
पैतृक संपत्ति से अलग बनाई संपत्ति पर नहीं मिल सकेगा हक
यदि दादा अपनी मेहनत से कुछ संपत्ति बनाते हैं, तो उस पर परिवार के किसी भी सदस्य का हक नहीं बनता। ऐसी अवस्था में दादा अपनी अर्जित की हुई संपत्ति को किसी के भी नाम कर सकता है। उस पर कोई भी कानून कार्यवाही नहीं हो सकती। यह अलग बात है कि दादा की मृत्यु के पश्चात परिवार के सदस्यों के नाम संपत्ति ट्रांसफर हो जाती है।
केवल पैतृक संपत्ति पर ही होगा अधिकार
दादा के द्वारा बनाई हुई संपत्ति में होते समय किसी का भी हक नहीं बनता। लेकिन पैतृक संपत्ति में पोता दादा की संपत्ति का वारिस बन सकता है। जिसके लिए कई तरह के कानूनी अधिकार पोते को प्राप्त होते हैं। क्योंकि पैतृक संपत्ति के अधिकार पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होते रहते हैं, जिसकी वजह से दादा अपनी अगली पीढ़ी यानी पोते को इस हक से महरूम नहीं कर सकता।