आज हम बात करने वाले है राज्य सरकार ने क्या फैसला लिया इस विवाद को लेकर तो आइए जानते है सारी जानकारी। राज्य सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है। अब वेतन रोकने के निर्देश को वापस लिया गया है।
कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर वेतन देने के संबंध में एक हाई कोर्ट के आदेश द्वारा रोक लगाई गई थी, जिसको अब वापस लिया गया है।
विद्यानाथ यादव ने सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र लिखकर बताया कि उन्होंने सभी विश्वविद्यालयों के खातों को फ्रीज करने के पहले आदेश को वापस लेने का फैसला किया है, भविष्य में हाई कोर्ट के हालीय निर्णय से संबंधित।
ये यूनिवर्सिटी के खाते फ्रीज हो गए थे
इसलिए, विश्वविद्यालयों के खातों को अब फ्रिज नहीं किया जाएगा। उन विश्वविद्यालयों का भी बता दें जिनके खातों को पहले फ्रिज किया था। मौलाना मजहरूल ने फारसी और अरबी विश्वविद्यालयों सहित पूर्णिया और मुंगेर विश्वविद्यालय के खातों को फ्रीज करने के आदेश जारी किए थे, जिसके परिणामस्वरूप उनके खाते फ्रीज हो गए थे।
पटना हाई कोर्ट से निर्देशों वापस
शिक्षा विभाग ने पटना हाई कोर्ट के निर्देशों को वापस लिया है। बिहार के शिक्षा विभाग को पिछले महीने पटना हाई कोर्ट ने राज्य विश्वविद्यालय और उसके अधिकारियों के खिलाफ किसी दंडात्मक कार्रवाई करने से इनकार करने के निर्देश दिए थे।
आदेश क्या है
उच्च न्यायालय ने कहा था कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों के वेतन को रोकने और खाते को फ्रीज करने के निर्देश को अगले आदेश तक रोकने की दिशा में। अब शिक्षा विभाग ने इस पर आदेश जारी किया है।
पिछले मार्च में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के खातों को फ्रीज करने का आदेश था। इसी साल फरवरी के आखिरी सप्ताह में हुई समीक्षा बैठक में अनुपस्थित रहने वाले कुलपति के वेतन को रोक दिया गया था।